Khamoshi Quotes in Hindi

Khamoshi Quotes in Hindi | खामोशी पर अनमोल वचन

Khamoshi Quotes in Hindi: दोस्तों आज के इस लेख में हम खामोशी पर अनमोल वचन आपके लिए लेके आए हैं। इस तरह के खामोशी पर अनमोल वचन आपको और कही नहीं मिलेंगे। उम्मीद करते है की आपको हमारा खामोशी पर अनमोल वचन पसंद आएगा।

Khamoshi Quotes in Hindi

Khamoshi Quotes in Hindi

हर खामोशी कुछ कहना चाहती है,
जिसे सुनने के लिए कान की नहीं दिल की ज़रुरत होती है।

ख़ामोशी बहुत कुछ कहती है दोस्त,
कानो से नहीं, एक बार दिल से सुनो।

खामोशीयाँ यूं ही बेवजह नहीं होतीं,
कुछ दर्द भी आवाज़ छीन लिया करतें हैं।

समझदारी हर समय सिर्फ बोलने में नहीं होती है,
कभी कभी समझदारी खामोश रहने में भी होती है।

मेरी इस खामोशी को,
मेरी कमजोरी समझने वालो,
बस हमने शौक नही पाना,
घाव के निशान देने वालो।

मुझसे इश्क, मुहब्बत, प्यार न कर,
अपनी ज़िन्दगी को तू बेकार न कर,
खामोश होजा आये दिल,
उसका नाम लेकर खुद को बदनाम ना कर।

चलो अब जाने भी दो,
क्या करोगे दास्ताँ सुनकर,
ख़ामोशी तुम समझोगे नहीं,
और बयाँ हम से होगा नहीं।

कोई आदत, कोई बात, या सिर्फ मेरी खामोशी,
कभी तो, कुछ तो, उसे भी याद आता होगा।

ख़ामोश शहर की चीखती रातें,
सब चुप हैं पर, कहने को है हजार बातें।

हम खामोश रह गए उनकी बेवफाई देख कर भी,
उन्होंने भी खामोशी से मन ही मन सोच लिया हमने कुछ देखा ही नहीं।

खामोशी से बनाते रहिये अपनी पहचान,
हवाएँ ख़ुद गुनगुनाएगी नाम आपका।

ना हम कुछ बोल पाते हैं ना वह कुछ कह पाते हैं,
एक दूसरे को देख कर गुजर जाया करते हैं,
कब तक चलता रहेगा यह सिलसिला,
यह सोचकर दिन गुजर जाया करते हैं।

Khamoshi सबसे अच्छा हथियार है,
जिसका उपयोग आप कभी भी,
अपने दुश्मन को जीतने के लिए कर सकते हैं।

अपने खिलाफ बाते में अक्सर ख़ामोशी से सुनता हूं,
जवाब देने का काम मैंने वक़्त को दे रखा है।

उनकी बेरुखी पर हम कुछ कहना तो चाहते थे,
पर कह नहीं पाए,
उनकी बेवफाई का दर्द हम सहना तो चाहते थे,
पर सह नहीं पाए।

ख़ामोशी को इख़्तियार कर लेना,
अपने दिल को थोड़ा बेकरार कर लेना,
जिन्दगी का असली दर्द लेना हो तो,
बस किसी से बेपनाह प्यार कर लेना।

किन लफ्जों में लिखूँ, मैं अपने इन्तजार को तुम्हें,
बेजुबां है इश्क़ मेरा, और ढूँढता हैं खामोशी से तुझे।

लफ्ज़ो का कारोबार रास ना आया,
हमारा साथ तो ख़ामोशी ने निभाया।

ख़ामोश फ़िजा थी कोई साया न था,
इस शहर में मुझसा कोई आया न था,
किसी जुल्म ने छीन ली हमसे हमारी मोहब्बत,
हमने तो किसी का दिल दुखाया न था।

शोर मचाने से सुर्खियाँ नहीं मिलती जनाब,
कर्म ऐसा करो कि,
ख़ामोशी भी अख़बारों में छप जाये।

चाहने वाले शिकायतें करे तो परेशान मत होना,
परेशानी की बात तो तब होगी,
जब दोनों के बीच बस खामोशी होगी,
पर कोई बात नहीं होगी।

क्यों करते हो मुझसे इतनी ख़ामोश मोहब्बत,
लोग समजते है इस बदनसीब का कोई नहीं।

वक्त तुम्हारे ख़िलाफ़ हो तो खामोश हो जाना,
कोई छीन नहीं सकता जो तेरे नसीब में है पाना।

मेरे दोस्तों मुझे खामोश ही रहने दो कहीं मैं,
कुछ कहने पर आ गया तो तुम कुछ कहने लायक नहीं रहोगे।

लफ़्ज़ों के बोझ से थक जाती है ज़ुबाँ कभी-कभी,
पता नहीं ख़ामोशी मज़बूरी है या समझदारी।

अगर आकाश से जो टूटे वो तारे है,
उसे देख मैंने इश्वेर को पुकारा,
रखे वह सलामत तुम्हे हमेशा कभी ना टूटे यह रिश्ता हमारा।

ख़ामोशी का मतलब लिहाज भी होता है,
पर कुछ लोग इसे कमज़ोरी समझ लेते है।

चहतो ने किया मुझ पर ऐसा असर,
जहा देखू में देखु तुझे हम सफ़र,
मेरी खामोशियां मेरी ज़ुबान बन गयी,
मेरी बेचैनिया मेरी दास्तान बन गयी।

हर ख़ामोशी का मतलब इन्कार नही होता,
हर नाकामी का मतलब हार नही होता,
तो क्या हुआ अगर हम तुम्हें पा न सके,
सिर्फ पाने का मतलब प्यार नहीं होता।

वो जा रहे थे और हम ख़ामोश खड़े देखते रहे,
बजुर्गों से सुना था के पीछे से आवाज़ नहीं देते।

भीगी आँखों से मुस्कुराने का मजा और है,
हँसते हँसते पलके भिगोने का मजा और है,
बात कह के तो कोई भी समझ लेता है,
खामोशी को कोई समझे तो मजा और है।

यदि हम वास्तव में प्रार्थना करना चाहते हैं,
तो हमें सबसे पहले सुनना सीखना चाहिए,
क्योंकि हृदय की चुप्पी में ईश्वर बोलता है।

शोर तो गुजरे लम्हे किया करते हैं,
जिंदगी में अक्सर,
वो तो आज भी हमारे पास से ख़ामोशी से गुजर जाते हैं।

अपनी खामोशी में मुझे क्यूँ तलाश रहे है हुजूर,
अपनी धड़कनों से पूछो मेरा एक बसेरा वहां भी है।

बड़ी ख़ामोशी से गुज़र जाते हैं हम एक दूसरे के करी बसे,
फिर भी कमबख्त दिलों का शोर सुनाई दे ही जाता है।

कहते हैं कि खामोशियां खामोश होती है,
कभी खामोशियों को खामोशी से सुने,
शायद खामोशियां वो कह दे,
जिनकी लफ्जों में तलाश होती है।

बिना शिकायत के मैं उनके सितम सेहता गया,
मैं खामोश रह कर सब कुछ सहता रहा,
ज़माना जो कुछ भी मुझ से कहता रहा।

उम्र ग़ुज़ारी हैं हमने,
तुम्हारी ख़ामोशी पढते हुए,
अब एक उम्र गुज़ार देंगे,
तुम्हें महसूस करते हुए।

रात गम सुम है मगर खामोश नहीं,
कैसे कह दूँ आज फिर होश नहीं,
ऐसे डूबा हूँ तेरी आँखों की गहराई में,
हाथ में जाम है मगर पीने का होश नहीं।

गिला शिकवा ही कर डालो के कुछ वक़्त कट जाए,
लबो पे आपके यह खामोशी अच्छी नहीं लगती।

यूँ तो एक आवाज़ दूँ और बुला लूँ तुम्हें,
मगर कोशिश ये है कि खामोशी को भी आज़मा लूँ ज़रा।

खामोश था मैं सब ने लाचार समझ लिया,
हमने दो जवाब क्या नहीं दिए,
पलट कर ज़माने ने हमे बेकार समझ लिया।

सच्चाई ख़ामोशी की जंजीरों में ज्यादा देर कैद नहीं रहती है,
सच्चाई एक दिन बहार आके रहती है।

कुछ कहा भी नहीं और सारी बात हो गयी,
उसकी ख़ामोशी ने ही सारी दास्तान कह सुनाई।

तेरी ये खामोशी अब कानों में गूंजती रहती है,
तू आखिर चाहता क्या है,
ये बस मुझसे यही पूछती रहती है।

समझने वाले तो खामोशी भी समझ लेते है,
न समझने वाले जज्बात का भी मजाक बना देते है।

रात गम सुम है मगर खामोश नहीं,
कैसे कह दूँ आज फिर होश नहीं,
ऐसे डूबा हूँ तेरी आँखों की गहराई में,
हाथ में जाम है मगर पीने का होश नहीं।

लोग तो सो लेते हैं जमाने कि चाहेल पहेल में,
मुझे तो तेरी खामोशी सोने नहीं देती।

हम माफीक ए समुंदर है मैं खामोश रहने दो,
गर मजल गए हम तो तुम्हारा शहर भी लेड डूबेंगे।

मेरी खामोशी हज़ार आवाज़े लगाती है,
पर अफ़सोस वो तुम सुन नहीं सकतें।

तमाम शिकायते इस दिल की भी है,
तुझसे पर किस हक से नाराजगी जताऊं,
बस यही सोचकर हर बार खामोश रह जाता हूं।

अल्फाज को रखा है हमने,
इश्क के हिफाजत मैं,
खामोशी लापरवाह है,
अक्सर रिश्ते खो देती हैं।

ये तुफान यूँ ही नहीं आया है,
इससे पहले इसकी दस्तक भी आई थी,
ये मंजर जो दिख रहा है तेज आंधियों का,
इससे पहले यहाँ एक ख़ामोशी भी छाई थी।

जब कोई ख्याल दिल से टकराता हैं,
दिल ना चाह कर भी, ख़ामोश रह जाता हैं,
कोई सब कुछ कहकर प्यार जताता हैं,
कोई कुछ ना कहकर भी, सब बोल जाता हैं।

हर इल्जाम का हकदार वो हमे बना जाते है,
हर खता कि सजा वो हमे सुना जाते है,
हम हर बार खामोश रह जाते है,
क्योकि वो अपना होने का हक जता जाते है।

मेरा मिज़ाज समुन्दर सा है,
बहार भले मैं काफी शोर करता हूँ,
पर दिल की गहराईयों में काफी खामोश हूँ मैं।

मेरी खामोशियों पर भी सौ सवाल उठ रहे थे,
दो लफ्ज़ क्या बोले मुझे बेगैरत बना दिया।

अपने ख़िलाफ बातें, मैं अक्सर खामोशी से सुनता हूँ,
जवाब देने का हक, मैने वक्त को दे रखा है।

वो अब हर एक बात का मतलब पूछता है,
मुझसे “फ़राज़” कभी जो मेरी ख़ामोशी की तफ्सील लिखा करता था।

आसान नहीं है उस शख्स को समझ पाना,
जो जानता है सब कुछ हो,
पर खामोश रहे हर वक्त।

भीगी आँखों से मुस्कुराने का मजा और है,
हँसते हँसते पलके भिगोने का मजा और है,
बात कह के तो कोई भी समझ लेता है,
खामोशी को कोई समझे तो मजा और है।

मेरी खामोशी थी जो सब कुछ सह गयी,
उसकी यादें ही अब इस दिल में रह गयी,
थी शायद उसकी भी कोई मज़बूरी,
जो मेरी जिंदगी की कहानी अधूरी ही रह गयी।

ख़ामोशी छुपाती है ऐब और हुनर दोनों,
शख्सियत का अंदाज़ा गुफ्तगू से होता है।

जहान दो दिलों का कनेक्शन जुड़ जाता है,
वहां ख़ामोशी का कनेक्शन नहीं जुड़ सकता।

एक तेरी खामोशी ही जला देती है,
इस पागल दिल को,
बाकी सब बाते अच्छी है तेरी तस्वीर में।

खामोश होंठ अक्सर,
कुछ बयान करते है,
आंखों से आंसू गुमनाम बह जाते है,
लव चाहते है कुछ बोलना पर,
उन्हे देखकर खामोश हो जाते है।

मुस्कुराने से किसी का किसी से प्यार नहीं होता,
आश लगाने का मतलब सिर्फ इंतजार नहीं होता,
माना खामोश था मै उस वक़्त,
पर मेरी ख़ामोशी का मतलब इंकार नहीं होता।

मेरी खामोशियों में भी फसाना ढूंढ लेती है,
बड़ी शातिर है ये दुनिया बहाना ढूंढ लेती है,
हकीकत जिद किये बैठी है चकनाचूर करने को,
मगर हर आंख फिर सपना सुहाना ढूंढ लेती है।

उसके बिना अब चुपचुप रहना अच्छा लगता है,
ख़ामोशी से दर्द को सहना अच्छा लगता है,
जिस हस्ती की याद में दिन भर आंसू बहते हैं,
सामने उस के कुछ न कहना अच्छा लगता है,
मिल कर उस से बिछड़ न जाऊं डरती रहती हूँ,
इसलिए बस दूर ही रहना अच्छा लगता है।

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उम्मीद करते है की, आपको यह हमारा खामोशी पर अनमोल वचन आपको जरूर पसंद आया होगा। आप हमारा यह लेख अपने मित्रो के साथ साझा कर सकते है।