Guru Nanak Quotes in Hindi

Guru Nanak Quotes in Hindi | गुरु नानक देव जी के अनमोल विचार

Guru Nanak Quotes in Hindi: दोस्तों आज के इस लेख में हम गुरु नानक देव जी के अनमोल विचार आपके लिए लेके आए हैं। इस तरह की गुरु नानक देव जी के अनमोल विचार आपको और कही नहीं मिलेंगे। उम्मीद करते है की आपको हमारा गुरु नानक देव जी के अनमोल विचार पसंद आएगा।

Guru Nanak Quotes in Hindi

Guru Nanak Quotes in Hindi

वाहेगुरु का आशीष सदा,
मिले ऐसी कमाना है हमारी,
गुरु की कृपा से आएगी,
घर घर में ख़ुशहाली।

ईश्वर की प्राप्ति गुरू द्वारा संभव है।

भगवान के दरबार में सभी कर्मों का,
लेखा-जोखा होता है।

सभी मनुष्य एक ही हैं न कोई,
हिन्दू और न मुस्लमान। सभी समान हैं।

ईश्वर एक है और उसे पाने का तरीका भी एक है,
यही सत्य है वो रचनात्मक है और वो अनश्वर है,
जिनमे कोई डर नहीं और जो द्वेष भाव से परे है,
इसे गुरु की कृपा द्वारा ही प्राप्त किया जा सकता है।

शांति से अपने ही घर में खुद का विचार करे,
तब आपको मृत्यु का दूत छु भी नही पायेगा।

सिर्फ और सिर्फ वहि बोले जो,
शब्द आपको सम्मानित करते है।

तुमने सिखाया उंगली पकड़कर चलना,
तुमने बताया कैसे गिरने पर है संभलना,
तुम्हारी वजह से आज हम पहुंचे इस मुकाम पे,
गुरु पूरब बीते प्रभु नाम में।

मैं न बच्चा हूँ, न जवान, न प्राचीन,
और न ही मैं किसी जाति का हूं।

वे लोग जिनके पास प्यार है,
वे उन लोगो में से है जिन्होंने भगवान को ढूंढ लिया।

गुरु के भजन गाते हुए, मैं,
गवैया भगवान की महिमा फैलाता गया,
नानक सतनाम का गुणगान करते हुए,
मैंने सिद्ध ईश्वर को प्राप्त किया।

मैं न तो एक बच्चा हूँ,
न ही जवान आदमी और ना ही कोई बुढा,
और ना मैं किसी जाति का हूँ।

माया को जेब में ही स्थान देना चाहिए,
अपने हृदय में नहीं।

गुरु के भजन गाते हुए मैं गवैया,
भगवान की महिमा फैलाता गया,
नानक सतनाम का गुणगान करते हुए,
मैंने सिद्ध ईश्वर को प्राप्त किया।

बुरा कार्य करने के बारे में न सोचें,
और न किसी को सताएं।

दुनिया में किसी भी व्यक्ति को भ्रम में नहीं रहना चाहिए,
बिना गुरु के कोई भी दुसरे किनारे तक नहीं जा सकता है।

योगी को किस बात का डर होना चाहिए?
पेड़, पौधे सभी उसीके अंदर और बाहर होते है।

खुशियाँ और आपका जनम जनम का साथ हो,
हर किसी की जुबान पर आपकी हसी की बात हो,
जीवन में कभी कोई मुसीबत आए भी,
तो आपके सर पर गुरु नानक का हाथ हो।

चिंता-मुक्त रहकर,
अपने कर्म करने चाहिए।

रस्सी की अज्ञानता के कारण रस्सी साप लगता है,
खुद की अज्ञानता व भ्रम के कारण क्षणिक स्थिति,
भी खुद का व्यक्तिगत, सीमित, अभूतपूर्व स्वरूप प्रतीत होती है।

खालसा मेरा रूप है ख़ास,
खालसे में ही करू निवास,
खालसा अकाल पुरख की फ़ौज,
खालसा मेरा मित्र कहाए।

ओछी बुद्धि से, चित्त ओछा हो जाता है,
और व्यक्ति मिठाई के साथ मक्खी भी खाता है।

गुरु के द्वारा ही आपके जीवन में प्रकाश संभव है,
गुरु उपकारक है, पूर्णशांति उनमे निहित है,
गुरु ही तीनो लोकों में उजाला करने वाला प्रकाशपुंज है,
और सच्चा शिष्य ही ज्ञान और शांति प्राप्त करता है।

राज करेगा खालसा, बाके रहे ना कोए,
वाहेगुरु जी का खालसा वाहे गुरु जी की फ़तेह।

आप चाहे किसी भी प्रकार के बीज बोये,
लेकिन उसे उचित मौसम में ही तैयार करे,
यदि आप ध्यान से इन्हें देखोंगे,
तो पाएंगे की बीज के गुण ही उन्हें ऊपर लाते है।

घमण्ड, राग, द्वेष धरती के ऐसे विकास है,
जो कि मनुष्य को मनुष्य नहीं रहने देते,
अतः सदा इन विकारों से दूर रहने का प्रयास करें।

हर ताले की चाबी है उसके हाथ में,
मेरे गुरूनानक की कृपा है जिसके साथ में।

कोई भी ईश्वर की सीमाओं,
और हदों को नहीं जान पाया है।

जो भी बीज बोया जाता है,
उसी तरह का एक पौधा सामने आता है।

जब आप किसी की मदद करते हैं,
तो ईश्वर आपकी मदद करता है।

भले ही उसे विभिन्न नामों से पुकारते हैं,
परंतु वास्तव में ईश्वर एक है।

जब आप किसी की मदद करते हैं,
तो ईश्वर आपकी मदद करता है,
हमेशा दूसरों की मदद के लिए तैयार रहो।

ज्यों कर सूरज निकल्या,
तारे छुपे हनेर प्लोवा,
मिटी ढूंढ जग चानन होवा,
काल तान गुरु नानक आइया।

गुरु के भजन गाते हुए, मैं,
गवैया भगवान की महिमा फैलाता गया,
नानक सतनाम का गुणगान करते हुए,
मैंने सिद्ध ईश्वर को प्राप्त किया।

बंधुओं हम मौत को बुरा नहीं कहते,
यदि हम जानते कि वास्तव में मरा कैसे जाता है।

इस जग की माया ने मुझको है घेरा,
ऐसी कृपा करो गुरु नाम न भूलूं तेरा,
चारों और मेरे दुखों का है अँधेरा छाए,
बिन नाम तेरे मेरा इक पल भी ना जाये।

अहंकार से ही मानवता का अंत होता है,
अहंकार कभी नहीं करना चाहियें,
बल्कि हृदय में सेवा भाव रख जीवन बिताना चाहियें।

अपने परिवार और प्रियजनों के साथ शांति से,
निवास करने वाले व्यक्ति का कोई भी बैरी,
बाल भी बांका नहीं कर सकता।

जिसे खुद पर विश्वास नहीं है,
वह कभी भगवान पर विश्वास नहीं कर सकता।

व्यक्ति अपना बेशकीमती जीवन सोने और खाने में गवां देता है,
और उसका महत्वपूर्ण जीवन बर्बाद हो जाता है।

मुश्किल समय में भी छोटी-छोटी चीजो का ध्यान रखना चाहिए।

तेरी हजारों आँखें हैं और फिर भी एक आंख भी नहीं,
तेरे हज़ारों रूप हैं फिर भी एक रूप भी नहीं।

सत्य को जानना हर एक चीज से बड़ा है,
परंतु उससे भी बड़ा है सच्चाई से जीना।

मैं लगातार उसके चरणों को नमन करता हूँ,
और उससे प्रार्थना करता हूं,
गुरु, सच्चे गुरु ने मुझे रास्ता दिखाया है।

कर्म भूमि पर फल पाने के लिए कर्म सबको करना पड़ता है,
ईश्वर तो सिर्फ लक़ीरें देते हैं पर रंग उनमे हमको भरना पड़ता है।

आप चाहे किसी भी प्रकार के बीज बोये,
लेकिन उसे उचित मौसम में ही तैयार करे,
यदि आप ध्यान से इन्हें देखोंगे,
तो पाएंगे की बीज के गुण ही उन्हें ऊपर लाते है।

नानक नाम जहाज है,
जो जपे वो उतरे पार,
मेरा सद्गुरु करता मुझको प्यार,
वही तो है मेरा खेवनहार।

केवल वही वाणी बोलों जो,
आपको सम्मान दिलाये।

जब शरीर मैला हो जाता है,
तो हम पानी से उसे साफ़ कर लेते हैं,
उसी तरह जब हमारा मन मैला हो जाये तो,
उसे ईश्वर के जाप और प्रेम द्वारा ही स्वच्छ किया जा सकता है।

प्रभु के लिए खुशियों के गीत गाओ,
प्रभु के नाम की सेवा करो,
और उसके सेवकों के सेवक बन जाओ।

ईश्वर सर्वत्र विद्धमान है, हम सबका पिता है,
इसलिए हम सबको मिल-जुलकर प्रेम पूर्वक रहना चाहिए।

ईष्वर एक है, लेकिन उसके अनेक रूप हैं,
वही सबको बनाता बनाता है,
और समय आने पर खुद मनुष्य का रूप धारण करता है।

सांसारिक प्रेम की लौ जलाओ और उसकी राख की स्याही बनाओ,
अपने हृदय को कलम बनाओ,
अपनी बुद्धि को लेखक बनाओ,
और वह लिखो जिसकी कोई हद या अंत नहीं है।

भगवान एक है लेकिन उसके कई रूप है,
वो सभी का निर्माणकर्ता है और वो खुद मनुष्य का रूप लेता है।

अहंकार मानवता का अंत करता है,
अंहकार कभी नहीं करना चाहिए,
बल्कि हृदय में सेवा का भाव रखना चाहिए।

कभी भी किसी भी परिस्थिति में,
किसी का हक नही छिनना चाहिए।

दुनिया में किसी भी व्यक्ति को भ्रम में नही रखना चाहिए,
बिना गुरू के कोई भी दूसरे किनारे तक नहीं जा सकता है।

संसार को जीतने से पहले स्वयं,
अपने विकारो पर विजय पाना अत्यावश्यक है।

हमेसा दुसरे के मदद के लिए आगे रहो।

वह सब कुछ है लेकिन भगवान केवल एक ही है,
उसका नाम सत्य है, रचनात्मकता उसकी शख्सियत है,
और अनश्वर ही उसका स्वरुप है, जिसमे जरा भी डर नही,
जो द्वेष भाव से पराया है, गुरु की दया से ही इसे प्राप्त किया जा सकता है।

ये पूरी दुनिया कठनाइयो में है,
वह जिसे खुद पर भरोसा है वही विजेता कहलाता है।

यदि लोग भगवान् द्वारा दी गयी,
दौलत का प्रयोग सिर्फ खुद के लिए या खजाने में रखने के लिए करते हैं,
तो वह शव की तरह है,
लेकिन यदि वे इसे दूसरों के साथ बांटने का निर्णय लेते हैं,
तो वह पवित्र भोजन बना जाता है।

किसी भी तरह के लोभ को त्याग कर अपने हाथों से मेहनत कर,
एवं न्यायोचित तरीकों से धन का अर्जन करना चाहिए।

सत्य को जानना हर चीज से बड़ा है,
और उससे भी बड़ा है सच्चाई के साथ जीना।

तुमने सिखाया उंगली पकड़कर चलना,
तुमने बताया कैसे गिरने पर है संभलना,
तुम्हारी वजह से आज हम पहुंचे इस मुकाम पे,
गुरु पूरब बीते प्रभु नाम में।

ना मैं एक बच्चा हूँ,
ना एक नवयुवक,
ना ही मैं पौराणिक हूँ,
ना ही किसी जाति का हूँ।

धन-समृद्धि से युक्त बड़े बड़े राज्यों के राजा-महाराजों की,
तुलना भी उस चींटी से नहीं की जा सकती है,
जिसमे में ईश्वर का प्रेम भरा हो।

तुम्हारी दया ही मेरा सामाजिक दर्जा (ओहदा) है।

धन धान्य से परिपूर्ण राज्यों के राजाओं की तुलना,
उस एक चींटी से नही की जा सकती,
जिसका हृदय ईश्वर भक्ति से भरा हुआ है।

दुनिया में किसी भी व्यक्ति को भ्रम में नहीं रहना चाहिए,
बिना गुरु के कोई भी दूसरे किनारे तक नहीं जा सकता है।

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उम्मीद करते है की, आपको यह हमारा गुरु नानक देव जी के अनमोल विचार आपको जरूर पसंद आया होगा। आप हमारा यह लेख अपने मित्रो के साथ साझा कर सकते है।