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Geeta Quotes in Hindi | भगवत गीता के अनमोल वचन

Geeta Quotes in Hindi: दोस्तों आज के इस लेख में हम भगवत गीता के अनमोल वचन आपके लिए लेके आए हैं। इस तरह की भगवत गीता के अनमोल वचन आपको और कही नहीं मिलेंगे। उम्मीद करते है की आपको हमारा भगवत गीता के अनमोल वचन पसंद आएगा।

Geeta Quotes in Hindi

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आत्मा को शस्त्र काट नहीं सकते और न अग्नि इसे जला सकती है,
जल इसे गीला नहीं कर सकता और वायु इसे सुखा नहीं सकती।

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फल की अभिलाषा छोड़ कर कर्म करने वाला पुरुष ही,
अपने जीवन को सफल बनाता है।

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आप ही अपना मित्र और आप भी अपना शत्रु है,
क्युकी स्वयं का पतन,
और उद्धार दोनों आप निर्धारित करते हैं।

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धर्म का रक्षण करो धर्म तुम्हारी रक्षा करेगा,
अगर तुम धर्म को समाप्त करने का प्रयास,
करोगे तो धर्म तुम्हे समाप्त कर देगा।

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किसी का अच्छा ना कर सको तो बुरा भी मत करना,
क्योंकि दुनिया कमजोर है लेकिन दुनिया बनाने वाला नहीं।

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किसी दूसरे के जीवन के साथ पूर्ण रूप से जीने से,
अच्छा है की हम अपने स्वयं के भाग्य के अनुसार अपूर्ण जिए।

Relationship Bhagwat Geeta Quotes In Hindi

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याद रखना अगर बुरे लोग सिर्फ,
समझाने से समझ जाते तो,
बांसुरी बजाने वाला भी,
कभी महाभारत होने नहीं देता।

भगवत गीता के उपदेश

किसी दुसरे के जीवन के साथ पूर्ण रूप से,
जीने से बेहतर है की हम अपने स्वयं के,
भाग्य के अनुसार अपूर्ण जियें।

भगवत गीता का ज्ञान

मेरा तेरा, छोटा बड़ा, अपना पराया, मन से मिटा दो,
फिर सब तुम्हारा है और तुम सबके हो।

भगवत गीता का ज्ञान हिंदी में

जो होने वाला है वो होकर ही रहता है,
और जो नहीं होने वाला वह कभी नहीं होता,
ऐसा निश्चय जिनकी बुद्धि में होता है,
उन्हें चिंता कभी नही सताती है।

श्रीमद भगवत गीता

सफल होने वाला व्यक्ति हमेशा सकारात्मक और प्रसन्न रहता है,
और जो सकारात्मक और प्रसन्न रहता है, वही सफल होता है।

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वह जो सभी इच्छाएं त्याग देता है और मैं और मेरा की,
लालसा और भावना से मुक्त हो जाता है उसे शांती प्राप्त होती है।

Difficult Time Karma Geeta Quotes In Hindi

वह सब कुछ करो जो तुम्हें करना है,
लेकिन लालच से नहीं, अहंकार से नहीं,
वासना से नहीं, ईर्ष्या से नहीं बल्कि,
प्रेम, करुणा, नम्रता और भक्ति के साथ।

निष्काम कर्म की एक ही है परिभाषा,
तू बस कर्म कर मत रखो फल की आशा।

क्रोध से भ्रम पैदा होता है,भ्रम से बुद्धि व्यग्र होती है,
जब बुद्धि व्यग्र होती है तब तर्क नष्ट हो जाता है,
जब तर्क नष्ट हो जाता है तब वयक्ति का पतन हो जाता है।

मनुष्य के कर्म ही उसकी नियति तय करते हैं,
कहा भी जाता है कि हमें अपने कर्मों का फल इसी,
जन्म में किसी न किसी रूप में मिल ही जाता है,
हमारे कर्मों के कारण ही हमे मरणोपरांत ईश्वर के,
न्याय द्वारा स्वर्ग अथवा नर्क का भोगी बनना पड़ता है।

जो चीज़े हमारे दायरे से बाहर हो उसमें समय गंवाना मूर्खता ही होगी।

जैसे अंधेरे में प्रकाश की ज्योति जगमगाती है,
ठीक उसी प्रकार से सत्य की चमक भी कभी फीकी नही पड़ती,
इसलिए व्यक्ति को सदैव सत्य के मार्ग पर चलना चाहिए।

सत्य कभी नष्ट नहीं हो सकता,
अच्छा करने से नहीं डरना चाहिए।

Geeta Krishna Quotes In Hindi

मनुष्य जिस रूप में ईश्वर को याद करता है,
ईश्वर भी उसे उसी रूप में दर्शन देते हैं।

जो लोग ह्रदय को नियंत्रित नही करते है,
उनके लिए वह शत्रु के समान काम करता है।

क्रोध को जीतने में मौन ही सबसे अधिक सहायक होता है।

जो मेरी शरण में आता है उसका कभी विनाश नहीं होता,
हे अर्जुन तुम निडर होकर यह घोषणा कर दो।

कीमत दोनों की चुकानी पड़ती हैं,
बोलने की और चुप रहने की भी।

ज़िंदगी में कभी उदास मत होना , कभी नाराज़ नहीं होना,
यह ज़िंदगी एक संघर्ष सी चलती रहेगी , बस तुम अपना जीने का अंदाज़ ना खोना।

हर व्यक्ति का विश्वास उसकी प्रकृति के अनुसार होता है।

भगवत गीता के उपदेश

मेरा तेरा, छोटा बड़ा, अपना पराया, मन से मिटा दो,
फिर सब तुम्हारा है और तुम सबके हो।

हमारी गलती अंतिम वास्तविकता के लिए,
यह ले जा रहा है जैसे सपने देखने वाला यह सोचता है,
की उसके सपने के अलावा और कुछ भी सत्य नहीं है।

धरती पर जिस प्रकार मौसम में बदलाव आता है,
उसी प्रकार जीवन में भी सुख-दुख आता जाता रहता है।

मन की शांति से बढ़कर इस,
संसार में कोई भी संपत्ति नहीं है।

जन्म लेने वाले के लिए मृत्यु उतनी ही निश्चित है,
जितना कि मृत होने वाले के लिए जन्म लेना,
इसलिए जो अपरिहार्य है उस पर शोक मत करो।

मन अशांत है और उसे नियंत्रित करना कठिन है,
लेकिन अभ्यास से इसे वश में किया जा सकता है।

सच्चा धर्म यह है कि जिन बातों को,
इंसान अपने लिए अच्छा नहीं समझता,
उन्हें दूसरों के लिए भी प्रयोग ना करें।

गीता में लिखा है जब इंसान की जरूरत बदल जाती है,
तब इंसान के बात करने का तरीका बदल जाता है।

ठंड या गर्मी, सुख या दर्द का अनुभव करें ये,
अनुभव क्षणभंगुर हैं; वे आते हैं और जाते हैं उन्हें धैर्यपूर्वक सहन करें।

ज्ञानी व्यक्ति ज्ञान और कर्म को एक रूप में,
देखता है, वही सही मायने में देखता है।

चुप रहने से बड़ा कोई जवाब नहीं और,
माफ कर देने से बड़ी कोई सजा नहीं।

कोई भी व्यक्ति जो अच्छा काम करता है,
उसका कभी भी बुरा अंत नहीं होगा,
चाहे इस काल में हो या आने वाले काल में।

परिवर्तन संसार का नियम है समय के साथ,
संसार मे हर चीज परिवर्तन के नियम का पालन करती है।

गीता के अनुसार, गौर से समझो कि तुम्हें जो चाहिए वो क्या है,
और उसकी प्राप्ति में पूरी जान लगा दो-यही धर्म है।

मनुष्य अपने विश्वास से निर्मित होता है,
जैसा वो विश्वास करता है वैसा वो बन जाता है।

मनुष्य को जीवन की चुनौतियों से भागना नहीं चाहिए,
और ना ही भाग्य और ईश्वर की इच्छा,
जैसे बहानों का प्रयोग करना चाहिए।

कर्म के बिना फल की अभिलाषा करना,
व्यक्ति की सबसे बड़ी मूर्खता है।

कोई भी इंसान जन्म से नहीं बल्कि,
अपने कर्मो से महान बनता है।

गीता और कुरान सब एक ही संदेश देते है,
सत्य को जानो यही श्री हरि विष्णु कहते है।

मनुष्य अपने विश्वास से बना है,
जैसा वह मानता है वैसा ही वह बन जाता है।

गीता के अनुसार,
जिंदगी में हम कितने सही हैं,
और कितने गलत हैं,
यह केवल दो लोग जानते हैं,
एक परमात्मा और दूसरी हमारी अंतरात्मा।

इस शरीर का मोह मत करो,
यह तो माटी है माटी में मिल जायेगा,
अमर तो आत्मा है जो परमात्मा में मिल जाएगी।

जो आप जो चाहते हैं उसके लिए नहीं लड़ते हैं,
तो जो खोया उसके लिए मत रोओ।

जब तक शरीर है,
तब तक कमजोरियां तो रहेगी ही,
इसलिए कमजोरियों की चिंता छोड़ो,
और जो सही कर्म है,
उस पर अपना ध्यान लगाओ।

कोई भी व्यक्ति जो चाहे बन सकता है,
यदि वह व्यक्ति एक विश्वास के साथ,
इच्छित वस्तु पर लगातार चिंतन करें।

भगवत गीता का ज्ञान

जिसने जन्म लिया है उसकी मृत्यु निश्चित है,
और मृत्यु के पश्चात् पुनर्जन्म भी निश्चित है।

जो लोग निरंतर भाव से मेरी पूजा करते है,
उनकी जो आवश्यकताएँ होती है,
उन्हें मैं पूरा करता हूँ और जो कुछ उनके पास है,
उसकी रक्षा करता हूँ।

किसी का अच्छा ना कर सको,
तो बुरा भी मत करना,
क्योंकि दुनिया कमजोर है,
लेकिन दुनिया बनाने वाला नहीं।

जो हुआ, वह अच्छा हुआ, जो हो रहा है,
वह अच्छा हो रहा है, जो होगा, वह भी अच्छा ही होगा,
तुम भूत का पश्चाताप न करो,
भविष्य की चिन्ता न करो। वर्तमान चल रहा है।

हम जो भी कर्म करते हैं उसका फल हमने ही भोगना पड़ता है,
इसलिए कर्म करने से पहले विचार कर लेना चाहिए।

हर व्यक्ति का विश्वास उसकी प्रकृति के अनुसार होता है।

ज्ञानी व्यक्ति को कर्म के प्रतिफल की अपेक्षा कर रहे,
अज्ञानी व्यक्ति के दीमाग को अस्थिर नहीं करना चाहिए।

जो सब प्राणियों के दुख-सुख को,
अपने दुख-सुख के समान समझता है,
और सबको समभाव से देखता है, वही श्रेष्ठ योगी है।

सत्य कभी दावा नहीं करता कि मैं सत्य हूं,
लेकिन झूठ हमेशा दावा करता हैं कि सिर्फ मैं ही सत्य हूं।

क्रोध से भ्रम पैदा होता है भ्रम से बुद्धि व्यग्र होती है,
जब बुद्धि व्यग्र होती है तब तर्क नष्ट हो जाता है,
जब तर्क नष्ट होता है तब व्यक्ति का पतन हो जाता है।

महत्वाकांक्षा को वश में करना ही खुशियाँ की चाभी है।

जीवन ना भविष्यात आहे ना भूतकाळात आहे,
जीवन तर या क्षणी वर्तमान काळात आहे।

गीता में कहा गया है,
जो इंसान किसी की कमी को,
पूरी करता है वो,
सही अर्थों में महान होता है।

जो कोई भी, जिस किसी भी,
देवता की पूजा, विश्वास के साथ करने की इच्छा रखता है,
मैं उसका विश्वास ,उसी देवता में दृढ कर देता हूँ।

भगवत गीता श्लोक

मनुष्य नहीं उसके कर्म अच्छे या बुरे होते हे,
और जेसे मनुष्य के कर्म होते हे,
उसे वैसे ही फल की प्राप्ति होती हे।

जन्म लेने वाले की मृत्यु निश्चित है,
और मरने वाले का जन्म निश्चित है,
इसलिए जो अटल है अपरिहार्य है,
उसके विषय में तुमको शोक नहीं करना चाहिये।

जो हुआ वह अच्छा हुआ, जो हो रहा है,
वह अच्छा हो रहा है, जो होगा वो भी अच्छा ही होगा।

मन अशांत क्षेत्र है उसको अभ्यास से ही काबू किया जा सकता है।

जीवन न तो भविष्य में है,
न अतीत में है, जीवन तो बस इस पल में है।

गीता के इस श्लोक से तात्पर्य यह है,
कि एक उत्तम पुरुष जितने भी,
श्रेष्ठ कार्य करता है उसकी तरह ही।

समय से बढ़ा कुछ नहीं है,
क्योकि समय सभी को मार सकता है।

नर्क के तीन द्वार हैं वासना, क्रोध और लालच।

कोई भी इंसान जन्म से नहीं बल्कि,
अपने कर्मो से महान बनता है।

जब भी और जहाँ भी अधर्म बढ़ेगा,
तब मैं धर्म की स्थापना हेतु,अवतार लेता रहूँगा।

जो लोग मन को नियंत्रित नहीं करते,
उनके लिए वह शत्रु के समान कार्य करता है।

क्रोध से मुर्खता उत्पन्न होती हैं,
मूढ़ता से भ्रान्ति, भ्रान्ति से बुध्दि का नाश,
और बुध्दि के नाश से प्राणी का नाश होता हैं।

वह जो इस ज्ञान में विश्वास नहीं रखते,
मुझे प्राप्त किये बिना जन्म और मृत्यु के,
चक्र का अनुगमन करते है।

मन बड़ा चंचल है,
मनुष्य को मथ डालता है,
अतः बहुत बलवान है।

मन चंचल है इसे और संयमित करना कठिन है,
लेकिन यह अभ्यास से वश में हो जाता है।

मन की गतिविधियों,होश श्वास और भावनाओ के माध्यम से,
भगवान की शक्ति सदा तुम्हारे साथ है,
लगातार तुम्हे बस एक साधन की तरह प्रयोग करके सभी कार्य कर रही है।

कुछ अन्य हिंदी कोट्स:

  1. Dr BR Ambedkar Quotes in Hindi
  2. Aaj Ka Suvichar
  3. Sunset Quotes in Hindi
  4. Abdul Kalam Quotes in Hindi
  5. Yoga Quotes in Hindi

उम्मीद करते है की, आपको यह हमारा भगवत गीता के अनमोल वचन आपको जरूर पसंद आया होगा। आप हमारा यह लेख अपने मित्रो के साथ साझा कर सकते है।