Chanakya Quotes in Hindi: क्या आप ढूंढ रहे हैं आचार्य चाणक्य विचार इन हिंदी? हमने यहां पर उनके दिए गए हुए सिद्धांत को दर्शाया है, और उनके कूटनीति विचारों का उल्लेख किया गया है।
चाणक्य का जन्म एक ब्राह्मण परिवार में हुआ था, और उन्होंने तक्षशिला में अपनी शिक्षा प्राप्त की, जिसे कौटिल्य या विष्णुगुप्त के नाम से भी जाना जाता है। वह मौर्य साम्राज्य (322-185 ईसा पूर्व) के संस्थापक चंद्रगुप्त मौर्य (आरसी 321-सी.297 ईसा पूर्व) के शासनकाल में प्रधान मंत्री थे। वह एक महान विचारक, अर्थशास्त्री, न्यायविद और शाही सलाहकार और दार्शनिक थे और उनकी शिक्षाओं को दो पुस्तकों- अर्थशास्त्र (“सामग्री लाभ का विज्ञान”) और चाणक्य नीति में एक साथ रखा गया है।
अर्थशास्त्र को चाणक्य का प्रशिक्षण मैनुअल माना जाता है जिसके द्वारा उन्होंने चंद्रगुप्त को एक नागरिक से एक सम्राट में बदल दिया। कहा जा रहा है कि उनकी बुद्धिमत्ता पर कोई सवाल नहीं उठा सकता। वह कोई योद्धा नहीं था, लेकिन उसने अपने दिमाग से लड़ाई लड़ी।
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Chanakya Quotes in Hindi
अहंकार उसी को होता है,
– आचार्य चाणक्य
जिसे बिना मेहनत के सब कुछ मिल जाता है,
मेहनत से सुख प्राप्त करने वाला व्यक्ति,
दूसरों की मेहनत का भी सम्मान करता है।
प्रेम से भरी हुई आंखें,
– आचार्य चाणक्य
श्रद्धा से झुका हुआ सिर,
सहयोग करते हुए हाथ,
सन्मार्ग पर चलते हुए पाँव
और सत्य से जुड़ी हुई जीभ,
ईश्वर की पसंदीदा चीजें है।
अच्छे समय से ज्यादा,
– आचार्य चाणक्य
अच्छे इंसान के साथ रिश्ता रखो,
अच्छा इंसान अच्छा समय ला सकता है,
अच्छा समय अच्छा इंसान नहीं ला सकता।
हर नई शुरुआत थोड़ा डराती है,
– आचार्य चाणक्य
पर याद रखो सफलता मुश्किलों के पास ही नजर आती है।
खुश रहने का मतलब यह नहीं कि सब कुछ ठीक है,
– आचार्य चाणक्य
बल्कि इसका मतलब यह है कि
अपने दुखों के ऊपर जीवन जीना सीख लिया है।
चाणक्य विचार इन हिंदी
जब जीवन के बारे में सोचो तब यह सदैव याद रखना कि,
– आचार्य चाणक्य
पछतावा अतीत बदल नहीं सकता,
और चिंता भविष्य को सवार नहीं सकती,
एकाग्रता से किया गया परिश्रम ही
वास्तविक चमत्कार करता है।
भूखा पेट, खाली जेब और झूठा प्रेम
– आचार्य चाणक्य
इंसान को जीवन में बहुत कुछ सीखा जाता है।
जिसने हर क्षण को महोत्सव बनाया हो,
– आचार्य चाणक्य
जिसकी शिकायतें कम हो,
और जिसने हर छोटी उपलब्धि के लिए भी
ईश्वर का धन्यवाद किया हो,
ऐसे व्यक्ति को दुख का आभास बहुत ही कम होता है।
बीस वर्ष की आयु में व्यक्ति का जो चेहरा रहता है,
– आचार्य चाणक्य
वह प्रकृति की देन है,
तीस वर्ष की आयु का चेहरा जीवन के उतार-चढ़ाव की देन है,
लेकिन पच्चास वर्ष की आयु का चेहरा व्यक्ति की अपनी कमाई है।
इच्छाएं मनुष्य को जीने नहीं देती,
– आचार्य चाणक्य
और मनुष्य इच्छाओं को कभी मरने नहीं देता।
तुम समय को रोक नहीं सकते,
– आचार्य चाणक्य
परंतु समय को बर्बाद न करना
सदैव तुम्हारे नियंत्रण में ही है।
Chankya Thoughts in Hindi
सरल को कठिन बनाना आसान है,
– आचार्य चाणक्य
परंतु कठिन को सरल बनाना मुश्किल,
और जो कठिन को सरल बनाना जानता है,
वह व्यक्ति विशेष है।
जैसे एक बछड़ा हज़ारो गायों के झुंड मे
– आचार्य चाणक्य
अपनी माँ के पीछे चलता है।
उसी प्रकार आदमी के अच्छे और
बुरे कर्म उसके पीछे चलते हैं।
जब आप किसी काम की शुरुआत करें,
– आचार्य चाणक्य
तो असफलता से मत डरें और
उस काम को ना छोड़ें।
जो लोग ईमानदारी से काम करते हैं
वो सबसे प्रसन्न होते हैं। –
आदमी अपने जन्म से नहीं
– आचार्य चाणक्य
अपने कर्मों से महान होता है।
क्रोध में बोला एक कठोर शब्द
– आचार्य चाणक्य
इतना जहरीला हो सकता है कि
आपकी हजार प्यारी बातों को एक
मिनट में नष्ट कर सकता है।
Chanakya Suvichar
संतुलित दिमाग जैसी कोई सादगी नहीं है,
– आचार्य चाणक्य
संतोष जैसा कोई सुख नहीं है,
लोभ जैसी कोई बीमारी नहीं है,
और दया जैसा कोई पुण्य नहीं है।
प्रेम और आस्था दोनों पर ही
– आचार्य चाणक्य
किसी का जोर नहीं है,
ये मन जहाँ लग जाए वहीं पर
भगवान नज़र आता है।
जो गुजर गया उसकी चिंता नहीं करनी चाहिए,
– आचार्य चाणक्य
ना ही भविष्य के बारे में चिंतिंत होना चाहिए।
समझदार लोग केवल वर्तमान में ही जीते हैं।
किसी को ज्ञान उतना ही दो
– आचार्य चाणक्य
जितना वो समझ सके,
क्योंकि बाल्टी भरने के बाद
नल ना बंद करने से पानी व्यर्थ हो जाता है।
ये मत सोचो की प्यार और लगाव एक ही चीज है,
– आचार्य चाणक्य
दोनों एक दूसरे के दुश्मन हैं,
ये लगाव ही है जो प्यार को खत्म कर देता है।
समझदारी की बाते सिर्फ दो ही लोग करते हैं,
– आचार्य चाणक्य
एक वो जिनकी उम्र अधिक है और
दूसरे वो जिसने कम उम्र में बहुत सी ठोकरें खाई हैं।
जो हमारे दिल में रहता है,
– आचार्य चाणक्य
वो दूर होके भी पास है।
लेकिन जो हमारे दिल में नहीं रहता,
वो पास होके भी दूर है।
आचार्य चाणक्य नीति
जो बुरे वक्त में आपको आपकी कमिया गिनाने लग जाए
– आचार्य चाणक्य
उससे ज्यादा मतलबी इंसान कोई हो ही नहीं सकता।
जीवन और चुनौतियाँ हर किसी
– आचार्य चाणक्य
के हिस्से में नहीं आतीं, क्योंकि
किस्मत भी किस्मत वालों को आजमाती है।
जिस प्रकार एक सूखे पेड़ को अगर आग लगा दी जाये तो
– आचार्य चाणक्य
वह पूरा जंगल जला देता है,
उसी प्रकार एक पापी पुत्र पुरे परिवार को बर्वाद कर देता है।
प्रेम पीपल का बीज है,
– आचार्य चाणक्य
जहाँ संभावना नहीं,
वहाँ भी पनप जाता है।
आप कुछ भी चुनने के लिए अवश्य ही स्वतंत्र है,
– आचार्य चाणक्य
परंतु जो आप चुनते हैं,
उसके परिणामों से कभी स्वतंत्र नहीं हो पाएंगे।
किस उम्र तक पढ़ा जाए
– आचार्य चाणक्य
और किस उम्र से कमाया जाए,
ये शौक नहीं बल्कि हालात तय करते हैं।
रात भर गहरी नींद आना इतना आसान नहीं है,
– आचार्य चाणक्य
उसके लिए दिन भर ईमानदारी से जीना पड़ता है।
भाग्य उनका साथ देता है,
– आचार्य चाणक्य
जो हर संकट का सामना करके भी
अपने लक्ष्य के प्रति द्रुढ़ रहते हैं।
असंभव शब्द का प्रयोग तो केवल कायर करते हैं,
– आचार्य चाणक्य
बुद्धिमानी ज्ञानी व्यक्ति अपना रास्ता खुद बनाते हैं।
जो अपने निश्चित कर्मों का त्याग करके,
– आचार्य चाणक्य
और अनिश्चित की चिंता करता है,
उसका अनिश्चित लक्ष्य तो नष्ट होता ही है,
साथ में निश्चित भी नष्ट हो जाता है।
पंछी कभी अपने बच्चों को भविष्य के लिए घोंसला बनाके नहीं देते,
– आचार्य चाणक्य
वे तो बस उन्हें उड़ने की कला सिखाते हैं।
उनसे सलाह कभी मत लेना जो उस पड़ाव पर है ही नहीं,
– आचार्य चाणक्य
जहाँ तुम पहुँचना चाहते हो,
क्योंकि माता पिता व गुरु के अलावा,
ज्यादातर लोग आपको आपके मार्ग से
भटकाने का कार्य ही करते हैं।
जो तुम मांगते हो उसके मिलते ही उसका मूल्य कम हो जाता है,
– आचार्य चाणक्य
और फिर से कुछ मांगने की इच्छा जगती है,
इसलिए मांगने के बजाय उस खजाने की तरह बढ़ो
जो तुम्हारे भीतर छुपा है।
समस्या का समाधान इस बात पर निर्भर करता है,
– आचार्य चाणक्य
कि आपका सलाहकार कौन है,
यह बहुत महत्वपूर्ण है,
क्योंकि दुर्योधन शकुनी से सलाह लेता था
और अर्जुन श्रीकृष्ण से।
मन बड़ा चमत्कारि शब्द है,
– आचार्य चाणक्य
इसके आगे ‘न’ लगने पर यह नमन हो जाता है,
और इसके पीछे ‘न’ लगने पर यह मनन हो जाता है,
इसलिए जीवन में नमन और मनन करते रहिए,
जीवन सफल ही नहीं बल्कि सार्थक भी हो जाएगा।
शांत होने की कोई तरकीब नहीं होती,
– आचार्य चाणक्य
सिर्फ अशांत होने की तरकीबें होती है,
और अशांत होने की तरकीबें समझ में आ जाए
तो व्यक्ति शांत हो जाता है।
चींटी से मेहनत सीखो,
– आचार्य चाणक्य
बगुले से तरकीब,
और मकड़ी से कारीगरी
और अपने विकास के लिए अंतिम समय तक
संघर्ष करो क्योंकि संघर्ष ही जीवन है।
आंख में पड़ा हुआ तिनका,
– आचार्य चाणक्य
पैरों में जुभा हुआ काँटा,
और रुई में दबी हुई आग से भी भयानक है,
हृदय में छुपा हुआ कपट।
आवश्यकता से अधिक ईर्ष्या,
– आचार्य चाणक्य
आपके अंदर आत्मविश्वास की कमी को झलकाती है।
जीवन के लेखक बनो
– आचार्य चाणक्य
और अपने मन के पाठक,
क्योंकि जितना अधिक खुद के बारे में ज्ञान अर्जित करोगे,
उतना ही कम तुम्हें दूसरों की राय पर निर्भर होना पड़ेगा।
यादो का जीवन में बहुत बड़ा महत्व है,
– आचार्य चाणक्य
क्योंकि कभी-कभी हम बीते दुख को याद करके हंसते हैं,
और कभी कभी हम बीते सुख को याद करके रोते हैं।
चाणक्य नीति की 10 बातें
सबसे बड़ा गुरु मंत्र,
– आचार्य चाणक्य
अपने राज किसी को भी मत बताओ।
ये तुम्हे खत्म कर देगा।
जो जिस कार्ये में कुशल हो
– आचार्य चाणक्य
उसे उसी कार्ये में लगना चाहिए।
हे बुद्धिमान लोगों,
– आचार्य चाणक्य
अपना धन उन्ही को दो जो उसके योग्य हों
और किसी को नहीं,
बादलों के द्वारा लिया गया समुद्र का जल
हमेशा मीठा होता है।
बुद्धि से पैसा कमाया जा सकता है,
– आचार्य चाणक्य
मगर पैसे से बुद्धि नहीं।
संकट में बुद्धि भी काम नहीं आती है।
– आचार्य चाणक्य
झुकना बहुत अच्छी बात है
– आचार्य चाणक्य
नम्रता की पहचान होती है,
मगर आत्मसम्मान को खोकर
झुकना खुद को खोने जैसा है।
फूलों की खुशबू हवा की दिशा में ही फैलती है,
– आचार्य चाणक्य
लेकिन एक व्यक्ति की अच्छाई चारों तरफ फैलती है।
कोई व्यक्ति अपने कार्यों से महान होता है,
– आचार्य चाणक्य
अपने जन्म से नहीं।
दौलत, दोस्त ,पत्नी और राज्य दोबारा हासिल किये जा सकते हैं,
– आचार्य चाणक्य
लेकिन ये शरीर दोबारा हासिल नहीं किया जा सकता।
एक संतुलित मन के बराबर कोई तपस्या नहीं है।
– आचार्य चाणक्य
संतोष के बराबर कोई खुशी नहीं है।
लोभ के जैसी कोई बिमारी नहीं है।
दया के जैसा कोई सदाचार नहीं है।
वो जो अपने परिवार से अति लगाव रखता है
– आचार्य चाणक्य
भय और दुख में जीता है।
सभी दुखों का मुख्य कारण लगाव ही है,
इसलिए खुश रहने के लिए लगाव का त्याग आवशयक है।
जहा आदर नहीं वहाँ जाना मत,
– आचार्य चाणक्य
जो सुनता नहीं उसे समझाना मत,
जो पचता नहीं उसे खाना मत,
और जो सत्य पर भी रूठे,
उसे मनाना मत।
आग में आग नहीं डालनी चाहिए,
– आचार्य चाणक्य
अर्थात क्रोधी व्यक्ति को अधिक क्रोध नहीं दिलाना चाहिए।
हर मित्रता के पीछे कोई ना कोई स्वार्थ होता है,
– आचार्य चाणक्य
ऐसी कोई मित्रता नहीं जिसमे स्वार्थ ना हो,
यह कड़वा सच है।
भगवान सभी को एक ही मिट्टी से बनाता है,
– आचार्य चाणक्य
बस फर्क इतना सा ही है,
कोई बहार से खूबसूरत है
तो कोई भीतर से
जो बीत गया सो बीत गया,
– आचार्य चाणक्य
यदि हमसे कोई गलत काम हो गया है
तो उसकी चिंता न करते हुए वर्तमान को
सुधारकर भविष्य को संवारना चाहिए।
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